आपातकालीन चिकित्सा की मजबूती को लेकर डॉक्टरों ने दी राय
![Doctors gave their opinion on strengthening emergency medicine](https://aapkikhabar.com/static/c1e/client/86288/uploaded/efd27b82a87a1195bf0af573f093bbae.jpeg?width=730&height=480&resizemode=4)
मुख्य अतिथि के रूप में सेना के अवकाश प्राप्त ब्रिगेडियर व चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई केप्रथम कुलपति प्रो. टी. प्रभाकर ने कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ किया। संजय गांधी पीजीआई लखनऊ के प्रोफेसर तन्मय पाठक ने मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के उच्चीकरण व आधुनिक बनाए जाने पर बल दिया। बताया
कि आकस्मिक चिकित्सा बहुत सारी मेडिकल एवं सर्जिकल विशेषताओं का संतुलित सम्मिश्रण है। केजी मेडिकल विश्वविद्यालय लखनऊ के डॉ.समीर मिश्रा ने सड़क दुर्घटनाओं के फलस्वरुप चोटिल मरीजों को महामारी के रूप में प्रस्तुत करते हुए इसके सफल प्रबंधन की व्याख्या की। इमरजेंसी केयर की सुचारु प्रणाली विकसित करने की जरूरत बताई।
इमरजेंसी एवं ट्रामा सेंटर को एक साथ संचालित करने की सलाह दी। इमरजेंसी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ स्वागत महापात्र ने आकस्मिक चिकित्सा क्षेत्र में हुई सकारात्मक उन्नति पर चर्चा की। डॉ राममनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में क्रिटिकल केयर एवं एनेस्थेटिस्ट प्रो.ममता हरजाई, मेदांता अस्पताल से इमरजेंसी मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ.लोकेंद्र गुप्ता ने बहुआयामी चिकित्सा पर चर्चा की। नाना प्रकार के अपराधों से जुड़े मरीजों की तथ्य छुपाकर इलाज पर चिंता जताई। मसलन मारपीट,साँप डसने,विषपान,सड़क दुर्घटना सरीखी वारदातों के मरीज चिकित्सालय पहुँच जाते हैं।
तीमारदारों द्वारा तथ्य छुपाने की दशा में चिकित्सक संकट में पड़ते हैं। ऐसे में तनिक भी संदेह होने पर पुलिस सूचना देनी चाहिए। हिंद चैरिटेबल के ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. आमोद सचान ने पूरे कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका से संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्राचार्य प्रो दीपक मालवीय, डॉ एस एन एस यादव, निदेशक राजेश राय, सीईओ वरुण श्रीवास्तव, आयोजन अध्यक्ष प्रो आरबी सिंह, प्रो अर्चना अग्रवाल,सचिव प्रो सोमनाथ लोंगानी, सभी रेजिडेंट्स, इंटर्न्स एवं मेडिकल छात्रों सहित लगभग 220 लोग शामिल रहे।