है प्रीत जहां की रीत सदा,मैं गीत वहीं के गाता हूं।भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं ।।
अतिथि का परिचय व स्वागत किया गया कार्यक्रम में विभिन्न बाबा दादी अभिभावक नन्हे मुन्ने बच्चे तथा समस्त शिक्षक शिक्षक शिक्षक आगे रहें कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ इसके पक्ष में अवध नारायण बाबा ने भजन प्रस्तुत किया इसके पक्ष विद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा देश भक्ति गीत प्रस्तुत किया गया।
श्यामा देवी दादी ने है प्रीत जहां की रीत सदा मैं गीत वहीं के गाता हूं भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं गीत प्रस्तुत किया।प्रीति दादी ने देश रंगीला रंगीला पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया इनके नृत्य की कल्पना इस उम्र में एक कल्पना है इसके पक्ष वृद्धाश्रम अलीपुर हरदोई के स्टाफ के द्वारा एक मनोरम नाटक प्रस्तुत किया गया तथा जो नाटक इस बात का संदेश देता है कि जैसा काम करेंगे वैसा ही फल मिलेगा इस नाटक में भूमिका अदा की है शालू जयसवाल शिला सीता प्रकाश यथा श्यामा देवी की भूमिका सराहनीय है इस नाटक के द्वार लोगों को भाव विभोर किया गया और यह सिख दी गई है कि अपने जीवन में सदा अच्छे कार्य करें इसके पक्ष जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया वृद्ध हमारे समाज के वह वटवृक्ष हैं
जिनके छांव तले हम सब पलते बढ़ते हैं तथा नई-नई बातें सिखाते हैं। हमें नए अनुभव प्रदान करते हैं और परिवार के मुखिया होने के नाते शुद्ध परिवार की ज़िम्मेदारी का बहन करते हैं लेकिन जब बेटों को ज़िम्मेदारी की बात आती है तो वहां इन वृद्धों से किनारा कर लेते हैं और अपने एक परिवार में लगे रहते हैं इनमें वृद्धों का सहारा कोई नहीं रहता और इनको वृद्ध आश्रम को भेज दिया जाता है
इसके साथ ही उन्हें बताया गया है कि वृद्ध अगर हमारे साथ रहेंगे तो हमारी अनेक समस्याएं ऐसी हैं जो इनके द्वारा हल हो जाएंगे इसके साथ ही वृद्ध जनो से आशीर्वाद की कामना की और वृद्ध आश्रम के सफल संचालन के लिए समस्त स्टाफ को वी संचालक प्रबंधक डॉक्टर एसएस त्रिवेदी को धन्यवाद दिया और कहा कि लोग जहां एक वृद्ध को घर में रखने के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करते हैं वहीं इस आश्रम में तथा प्रबंधक जी के द्वारा संचलित छः आश्रम में लगभाग 2000 लोग रहते हैं इस प्रकार जिला समाज कल्याण अधिकारी ने पुन:बधाई दी. कार्यक्रम का संचालन पूर्णिमा त्रिवेदी ने किया तथा आनंद विसर्जन आभार व्यक्त किया.