खुली आँखों से अपने सपने देखो और उन्हें साकार करो
 

Look at your dreams with open eyes and make them come true
Look at your dreams with open eyes and make them come true
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पांडेय)। ब्रिटिश विद्वान और लेखक टी. ई. लॉरेंस ने एक बार कहा था, "खुली आँखों से अपने सपने देखो और उन्हें साकार करो।"ऐसा लगता है कि प्रदीप खैरवार ने उनकी इस बात पर अमल किया है। प्रदीप मुंबई में रहने वाले एक स्वतंत्र फिल्म निर्देशक- निर्माता हैं।

फिल्म उद्योग में एक जाना-माना चेहरा रहे प्रदीप जी ने राम गोपाल वर्मा के साथ 7 साल तक काम किया है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘रक्त चरित्र’ में वर्मा के सहायक निर्देशक के रूप में काम किया और आगे चलकर वर्मा की कई अन्य परियोजनाओं में कार्यकारी निर्माता के रूप में काम किया, जिसमें 2017 में राम गोपाल वर्मा की महान कृति ‘सरकार 3’ पर काम करना भी शामिल है।

तब से प्रदीप जी एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता के रूप में विकसित हुए हैं। उन्होंने कई लघु फिल्मों और संगीत वीडियो का निर्माण और निर्देशन किया है, जिनमें से कुछ को लाखों लोगों ने देखा है और उनके काम को दुनिया भर से सराहना मिली है।उनकी सबसे लोकप्रिय सीरीज़ ‘ब्लाइंड लव’जिसे उन्होंने FNP फिल्म्स के लिए बनाया था, वह काफ़ी हिट रही। इसे दुनिया भर में लाखों दर्शकों ने देखा और उसके पात्रों एवं कहानी पर अपना असीम प्यार बरसाया। ‘ब्लाइंड लव’, पहाड़ों की दुनिया की एक असाधारण प्रेम कहानी थी, जो दो प्रमुख पात्रों, नैना और रोहन के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके रिश्तों में काफ़ी उथल पुथल हैं, लेकिन इसके बावजूद उनका प्यार कम नहीं होता।

प्रदीप खैरवार अब अपनी पहली फीचर फिल्म ‘आयुष्मती गीता मैट्रिक पास’ के साथ आ रहे हैं, जो जल्द ही दर्शकों को देखने के लिए उपलब्ध होगी। फिल्म का कथानक शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर आधारित है। उन्होंने इस फिल्म के माध्यम से भारतीय पितृसत्तात्मक समाज में महिलाओं के अस्तित्व और उनके बढ़ते क़द को दिखाने की कोशिश की है।फ़िल्म की मुख्य भूमिका में काशिका कपूर ‘गीता’ का किरदार निभाती हुई नज़र आ रही है।इसके अलावा अलका अमीन, अतुल श्रीवास्तव, अनुज सैनी और प्रणय दीक्षित जैसे दिग्गज अभिनेताओं ने भी इस फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

‘आयुष्मती गीता मैट्रिक पास’ फ़िल्म की शूटिंग महादेव की नगरी काशी में की गई है। मुंबई शहर में पले-बढ़े प्रदीप खैरवार बनारस से गहरा ताल्लुक़ रखते हैं।उनसे बातचीत के दौरान पता चला कि उनका पैतृक निवास इसी शहर में है। वे खुद भगवान शिव के बड़े भक्त हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपनी फ़िल्म की शूटिंग के लिए इस जगह को चुना।

फिल्म उद्योग निराशा और हताशा के दौर से गुज़र रहा है। ये ऐसा वक़्त है जब बॉक्स ऑफिस पर स्थिरता और सुस्ती का दौर चल रहा है एवं फिल्म के दर्शक नई आई फिल्मों में कुछ कमी महसूस कर रहे हैं। यह वो समय है जब दर्शकों को वह दिखाया जाए जिसकी उन्हें उम्मीद और तलाश है- फिल्म में वह प्रासंगिक पहलू और कहानी जिसके ज़रिए दर्शक खुद को फ़िल्मी कहानियों से जोड़ सकें। प्रदीप जी अपनी पहली फिल्म इसी आशा के साथ ला रहे है कि वह दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरें।

वे न केवल ऑन-स्क्रीन बल्कि ऑफ-स्क्रीन भी महिलाओं की आवाज़ को बुलंद करने और उन्हें सशक्त बनाने में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने कई महिलाओं को सीखने और आगे बढ़ने के लिए अपनी टीम का हिस्सा बनने का मौका दिया है। कई महिलाओं ने अलग-अलग टीम में रहकर उनके निर्देशन में काम करते हुए खुद को आत्मनिर्भर और रचनात्मक स्वतंत्रता का प्रयोग करने की स्थिति में पाया है।

प्रदीप खैरवार इसके साथ ही अन्य कई और परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं और फिल्म प्रेमियों की सेवा करने के लिए तत्पर हैं। यह पल उनके लिए उनके अनेकों सपनों में से एक के सच होने जैसा है जब वह अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म की रिलीज के लिए तैयार हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी पहली फिल्म को भी उतना ही प्यार और सराहना मिलेगी जितनी उनकी सीरीज को मिली थी। अब सभी की निगाहें ‘आयुष्मती गीता मैट्रिक पास’ की रिलीज पर टिकी हैं।

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