सूकरखेत परम अभिरामा। सरजू तट राजापुर ग्रामा।।

 
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। डॉक्टर स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज ने प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि जैसा कि सब लोग जानते हैं कि श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म विक्रम संवत् 1554 श्रावण शुक्ल सप्तमी को गोण्डा जिले के परसपुर विकास खण्ड में अयोध्या से 36 किमी० पश्चिमोत्तर राजापुर में हुआ था।

विदित हो कि श्रावण शुक्ला सप्तमी 11 अगस्त 2024. को तुलसी जयन्ती का आयोजन तुलसी जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा में किया जा रहा है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने 12 ग्रन्थों की रचनाएँ की थीं, जिसमें श्रीरामचरितमानस सबसे महत्वपूर्ण है। समग्र विश्व में बड़ी श्रद्धा और निष्ठा के साथ रामचरितमानस का पाठ किया जाता है। दुनिया के सभी देशों में रामचरितमानस का अनुवादै सभी भाषाओं में हो चुका है।


श्रीतुलसी जन्मभूमि न्यास एवं सनातन धर्म परिषद द्वारा राजापुर गोण्डा में तुलसी जन्मभूमि मन्दिर का निर्माण कराया जा रहा है। तुलसी भवन तथा तुलसी ओपेनियन थिएटर का निर्माण तत्कालीन जिलाधिकारी  नवनीत सहगल के प्रयास से कराया जा चुका है। हमारी मांग है कि तुलसी जन्मभूमि राजापुर गोण्डा में गोस्वामी जी के सम्मान में गोस्वामी तुलसीदास अन्तरराष्ट्रीय केन्द्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाना चाहिए।

इसके साथ ही तुलसी जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोण्डा कों पर्यटन स्थली घोषित करके उसकी गरिमा के अनुरूप सौंदर्गीकरण कराया जाये। सनातन धर्म परिषद का यह भी प्रयास चल रहा है कि तुलसी जन्मभूमि तुलसीधाम राजापुर सूकरखेत गोण्डा को अयोध्या दर्शन में सम्मिलित किया जाना चाहिए, क्योंकि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि का दर्शन तुलसी जन्मभूमि के दर्शन के बिना अधूरा है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने ही श्रीरामचरितमानस अमर महाकाव्य की रचना करके भगवान श्रीराम के आदर्शों को पूरी दुनिया में जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया है।

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