सेफ सोसायटी और यू पी फोर्सेज परिवार ने एक शैशव समागम में छोटे बच्चों के पोषण की चिंता करने का लिया संकल्प 

Safe Society and UP Forces Family pledged to take care of the nutrition of small children in a Shaishav Sammelan
Safe Society and UP Forces Family pledged to take care of the nutrition of small children in a Shaishav Sammelan
 उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। सम्पूर्ण उत्तरप्रदेश की मां और बच्चों के जन्म से पूर्व से देखभाल में जुटी स्वयंसेवी संस्थाएं दूरस्थ जनपद  के बीहड़ क्षेत्र में काम करने वाली  संस्थाओं के  सभी कार्यकर्ता और प्रमुखों ने 0 से 6वर्ष के बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल जैसे 


 पुनीत काम में आचार्य विनोबा की पंच शक्ति (जन शक्ति अर्थात माता पिता संबंधी, प्रबुद्ध जनशक्ति अर्थात पोषण के विशेषज्ञ , महाजन शक्ति अर्थात संसाधनों के मददगार सहकार, सज्जन शक्ति अर्थात समाजसेवी परिवार और अंतिम शासन शक्ति अर्थात सरकार ) को लगने का आवाहन फोर्सेज परिवार ने किया। फोर्सेज जो कि फोरम फॉर चाइल्ड केयर सर्विसेज नामक संस्थाओं का एक नेटवर्क है जो गत 35 वर्षों में देश में कार्यरत है।   

आज सेफ सोसाइटी, NACG-EVAC  एवं यूपी -फोर्सेस के संयुक्त तत्वावधान  में होटल बेवियन फैज़ाबाद रोड लखनऊ में बाल अधिकार और हम विषय पर एक राज्य स्तरीय समागम का आयोजन किया गया. जिसमें बालश्रम, बाल विवाह और बच्चों के साथ बढ़ती यौन हिंसा पर चिंता जताई गई। वक्ताओं ने कहा कि अभी भी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। बालश्रम के मामलों पर भी कारगर रोकथाम की जरूरत है। बच्चों के साथ बढ़ रही यौन हिंसा पर नियंत्रण के लिए प्रभावी उपाय किया जाना जरूरी है। इस मामले में सरकारी विभागों को संवेदनशील बनाए जाने के साथ ही इस काम में कारपोरेट  का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से लगभग पचास से अधिक  स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुखों एवं प्रतिनिधियों  ने प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश में बाल अधिकार एवं उनके सुरक्षा से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण  आयोग की सदस्य सुश्री शूचिता चतुर्वेदी थीं एवं विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के उप-निदेशक विवेक नौटियाल थे।  इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक रमेश भइया जी थे। एहसास संस्था की संस्थापक शची सिंह, हम संस्था की निदेशक संगीता शर्मा, प्लान इंडिया के प्रदेश प्रभारी  शयम प्रकाश सिंह, ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के प्रदेश प्रभारी  उमेश गुप्ता, मिलान फाउंडेशन की बहन अंजलि सिंह  शामिल हुईं 

 सभी वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में बाल सुरक्षा से जुड़ी सभी संस्थाओ को ०-6  वर्ष तक की उम्र के बच्चो के जीवन और सुरक्षा का विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि बच्चों का मानसिक विकास इसी आयु वर्ग में सबसे ज़्यादा होता है। सेफ सोसाइटी, NACG-EVAC  एवं यूपी -फोर्सेस को  संयुक्त रूप से सरकार के साथ बाल सुरक्षा को प्रभावी बनाने हेतु पहल करने की ज़रूरत है।  इसी क्रम में संस्थाओ एवं सरकारी विभागों को कॉर्पोरेट सेक्टर की भी मदद लेने की आवश्यकता है जिससे वह अपने संसाधनों और क्षमताओं का विकास कर समाज को बेहतर सुविधाओं को उपलब्ध करा सकें और कॉर्पोरेट जगत भी समाज के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन व्यवस्थित रूप से करने में सफल हो।

प्लान और ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रदेश के अलग अलग ज़िलों में बच्चों के मुद्दे अलग अलग हैं, कुछ मुद्दे प्रदेश स्तर पर भी प्रभावी हैं। अतः संस्थाओं को जिलों के ज़रूरतों के अनुसार अपना इंटरवेंशन प्लान बनाने की ज़रूरत है। कार्यशाला में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में सेफ सोसाइटी के निदेशक वैभव शर्मा एवं नेशनल फोर्सेस से भूपेंद्र शाण्डिल्य, यूपी फोर्सेस से रामायण यादव तथा राजदेव चतुर्वेदी प्रसार के शिशुपाल  बच्चों के कार्य में अत्यंत अनुभवी  अभिषेक पाठक जी, जे पी शर्मा विनोद कुमार रत्नेश कुमार प्रिया पांडे ज्योति सिंह ज्योति गुप्ता संध्या बहन अरविंद गिरी जयेश बादल आदित्य मिश्रा काबेरी त्रिपाठी, कमला सिंह,प्रीति राय हिमानी जोशी पुष्पा पाल ने भी बाल सुरक्षा तंत्र में सरकार और संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। समागम का निर्णय यह रहा कि इस मुद्दे पर सभी को गंभीर होकर काम करने की जरूरत है। जो मशीनरी भाव से नहीं बल्कि मिशनरी भाव से संभव होगा।

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