What is Kali Yuga what is said to happen in Kali Yuga? कलियुग क्या है कहा जाता है कि कलियुग में क्या होता है

What is Kali Yuga what is said to happen in Kali Yuga?
भगवान महाकाल से कलयुग को क्यों न्याय मांगनी पड़ी

हिंदू धर्म में चार युग होते हैं सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग। प्रत्येक युग की अपनी विशेषताएं होती हैं। सतयुग को स्वर्ण युग कहा जाता है जब सभी लोग धर्मपरायण और सत्यवादी होते थे। त्रेतायुग को रजत युग कहा जाता है जब धर्म और अधर्म दोनों का अस्तित्व था। द्वापरयुग को तांबे का युग कहा जाता है, जब धर्म और अधर्म का संघर्ष होता था। और कलियुग को लोहे का युग कहा जाता है जब अधर्म का वर्चस्व होता है।

भगवान महाकाल से कलयुग को क्यों न्याय मांगनी पड़ी

कलियुग को अधर्म का युग कहा जाता है। इस युग में लोग धर्म और सत्य से दूर होते हैं। वे लालच, लोभ, क्रोध, ईर्ष्या आदि के शिकार होते हैं। इस कारण से, कलियुग में बहुत सारी बुराइयां होती हैं।एक बार, कलियुग ने भगवान महाकाल से न्याय मांगा। उसने कहा कि वह इस युग में होने वाली बुराइयों से परेशान है। उसने कहा कि लोग धर्म और सत्य से दूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण से दुनिया में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

भगवान महाकाल ने कलियुग की बात सुनी। उन्होंने उसे समझाया कि प्रत्येक युग की अपनी विशेषताएं होती हैं। उन्होंने कहा कि कलियुग में बुराइयां होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि यह युग धर्म और अधर्म के संघर्ष का युग है।भगवान महाकाल ने कलियुग को बताया कि वह इस युग में होने वाली बुराइयों को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों को धर्म और सत्य के मार्ग पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

कलियुग ने भगवान महाकाल की बात सुनी। वह उनकी बातों से संतुष्ट हुआ। उसने भगवान महाकाल से कहा कि वह उनके प्रयासों में उनका सहयोग करेगा।भगवान महाकाल और कलियुग ने मिलकर इस युग में होने वाली बुराइयों को समाप्त करने के लिए प्रयास किए। उनके प्रयासों के कारण इस युग में धर्म और सत्य का प्रसार हुआ।

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सतयुग को स्वर्ण युग कहा जाता है, जब सभी लोग धर्मपरायण और सत्यवादी होते थे। त्रेतायुग को रजत युग कहा जाता है, जब धर्म और अधर्म दोनों का अस्तित्व था। द्वापरयुग को तांबे का युग कहा जाता है, जब धर्म और अधर्म का संघर्ष होता था। और कलियुग को लोहे का युग कहा जाता है, जब अधर्म का वर्चस्व होता है। कलियुग को अधर्म का युग कहा जाता है। इस युग में लोग धर्म और सत्य से दूर होते हैं। वे लालच, लोभ, क्रोध, ईर्ष्या आदि के शिकार होते हैं। इस कारण से, कलियुग में बहुत सारी बुराइयां होती हैं।

कहा जाता है कि कलियुग में निम्नलिखित चीजें होती हैं

1.धर्म का पतन होता है। लोग धर्म और सत्य से दूर होते हैं।

2.अधर्म का उदय होता है। लोग लालच, लोभ, क्रोध, ईर्ष्या आदि के शिकार होते हैं।

3.लोगों की आयु कम होती है। लोग 100 वर्ष तक नहीं जीते हैं।

4.लोगों की बुद्धि कम होती है। लोग ज्ञान और विद्या से दूर होते हैं।

5.प्रकृति में परिवर्तन होता है। मौसम अप्रत्याशित होता है।

6.युद्ध और संघर्ष होते हैं। दुनिया में शांति नहीं होती है।

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